भारतीय खाने के साथ Homemade Boondi raita recipe खाने के स्वाद के साथ साथ खाने को पचाने में भी मदद करता है। न्यूनतम समाग्री के साथ कुछ ही मिनट में घर पर आसानी से झटपट बन जाता है। आमतौर पर Homemade Boondi raita recipe को, जीरा राइस, वेज बिरयानी, आलू पराठा, पालक पनीर पराठा के साथ दोपहर के खाने और रात के खाने में परोसा जाता है।Homemade Boondi raita recipe बनाने के लिए गाढ़ा दही ,हरी मिर्च, जीरा पाउडर ,नमक ,काला नमक इत्यादि का उपयोग किया जाता है जोकि रसोई में आसानी से मिल जाते हैं। Homemade Boondi raita recipe हमारे पाचन के लिए काफी फायदेमंद है। खासकर गर्मी के मौसम में लोग Homemade boondi raita recipe का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। बूंदी रायता रेसीपी हर फंक्शन में देखने को मिलता है।मैं आपको होममेड स्टाइल बूंदी रायता रेसिपी इन हिंदी बताने जा रही हूं ।प्लीज आप भी एक बार जरूर ट्राई करना।अगर अच्छी लगी तो सस्क्राइब, लाईक और शेयर करें।
#पूर्व तैयारियों का समय: 10मिनिट्स
#कितने लोगों के लिए: 4
#Table of contents:
1.Boondi rayta recipe क्या है?
2.Boondi rayta recipe में इस्तेमाल आवश्यक सामग्री।
3.Boondi rayta recipe बनाने की विधि हिंदी में।
4.Boondi rayta recipe स्टेप बाय स्टेप फोटो के साथ।
5. सुझाव और विविधता।
6.FAQ
#Homemade boondi rayta recipe ingradients:_होममेड बूंदी रायता रेसीपी में इस्तेमाल आवश्यक सामग्री:_
- दही_300gm
- जीरा पाउडर_1/2tsp
- काली मिर्च पाउडर _एक चुटकी
- लाल मिर्च पाउडर _1/4tsp
- जलजीरा पाउडर _1tsp
- बूंदी _1/2कप
- नमक स्वादानुसार
- कला नमक_1/2tsp
# How to make Restaurant style boondi rayta recipe in Hindi:_रेस्टोरेंट स्टाइल बूंदी रायता रेसीपी बनाने की विधि हिंदी में:_
1.
एक कटोरी में दही लेंगे।और इसे मथानी से या व्हिस्क से फेंट लेंगे।ध्यान रहे किसी हैंड ब्लैंडर का उपयोग नहीं करें क्योंकि इससे फेंटा हुआ दही पतला हो जाता है।
2.
अब इस फेंटे हुए दही में 1/2कप बूंदी,1/8tsp लाल मिर्च पाउडर,1/4tsp जीरा पाउडर,1tsp जलजीरा पाउडर और स्वादानुसार नमक डालें।
3.
अब सारे चीज को व्हिस्क की मदद से अच्छे से मिला लें।ताकि सारे मसाला बूंदी और दही बहुत अच्छे से मिल जाए।
4.
अब बूंदी रायता बनकर तैयार है। इसे परोसने के लिए किसी सर्विंग बाउल में निकाल लें।और इसके उपर से लाल मिर्च पाउडर, हरा धनिया पत्ती कटी हुई या समूचा डालकर सजाएं। और इसे पालक पनीर पराठा, आलू पराठा, मटन बिरयानी, चिकन बिरयानी के साथ लंच या डिनर में परोसें।
#सुझाव और विविधता:
. अगर आपको बूंदी रायता में नरम बूंदी पसंद है तो उसे परोसने से 15 से 20 मिनट पहले डालें। और अगर आपको कुरकुरी बूंदी पसंद है तो वह उन्हें परोसने के समय पर ही डालें।
. ध्यान रहे दही खट्टा ना हो फ्रेश और गाढ़ा दही का इस्तेमाल करें।
. अगर आपको तीखा पसंद है तो आप इसमें हरी मिर्च चौब करके डाल सकते हैं और अगर आपके पास चाट मसाला हो तो जरूर से डालें इससे रायता की स्वाद काफी बढ़ जाती है।
#स्वाद: नमकीन
#परोसने का तरीका: बूंदी रायता को पालक पनीर पराठा, आलू पराठा, मटन बिरयानी, चिकन बिरयानी के साथ लंच या डिनर में परोसें।यह वेजिटेबल पुलाव के साथ भी बढ़िया लगता है।
#FAQ:
Ques:1.क्या हम बूंदी का रायता व्रत में खा सकते हैं?
ans:अधिकतर कुट्टू बूंदी रायता बिरयानी या पुलाव के साथ परोसा जाता है। लेकिन व्रत या व्रत में आप इस कुरकुरे कुट्टू बूंदी रायते को किसी भी फलाहारी भारतीय फ्लैटब्रेड जैसे कुट्टू पराठा, कुट्टू चीला या कुट्टू पूरी के साथ परोस सकते हैं। आप इसे पसाई के चावल की खिचड़ी या व्रत वाली खिचड़ी के साथ भी परोस सकते हैं।
Ques:2.बूंदी के रायते में कितनी कैलोरी होती है?
ans:बूंदी रायता रेसिपी | बूंदी रायता 69 कैलोरी देता है।जिसमें से कार्बोहाइड्रेट में 18 कैलोरी होती है, प्रोटीन में 15 कैलोरी होती है और शेष कैलोरी वसा से होती है जो 36 कैलोरी होती है।
Ques:3.रायता का दूसरा नाम क्या है?
ans:दक्षिण भारत में, विशेष रूप से केरल और तमिलनाडु में, पारंपरिक रायते को पचड़ी, तयिर पचड़ी कहा जाता है। पूर्वी नेपाल में, इस व्यंजन को दही काकरो (शाब्दिक अर्थ ‘दही ककड़ी’) के नाम से जाना जाता है, जबकि नेपाल के पश्चिमी क्षेत्रों में इसे रायतो के नाम से जाना जाता है।
Ques:4.रायता खाने के क्या फायदे हैं?
ans:खीरे का रायता खाने से मिलते हैं ये 6 फायदे:_
.वजन कम करने में सहायक …
.ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल …
.कब्ज में फायदेमंद …
.शरीर रहता है हाइड्रेट …
.पाचन क्रिया रहती है दुरुस्त …
.डायबिटीज में फायदेमंद …
.अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है।
Ques:5.रात में रायता क्यों नहीं खाना चाहिए?
ans:आयुर्वेद के अनुसार, दही में खट्टा और मीठा दोनों गुण होते हैं, और यह शरीर में कफ पैदा करती है. अगर आप इसे रात के वक्त खाते हैं तो मुमकिन है कि आपको कफ की दिक्कत शुरू हो सकती है. साथ ही सांस लेने वाली नली में काफी ज्यादा बलगम बनने लगते हैं।